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अर्ज किया है....

.

.

.

खिड़की से देखा तो रास्ते पे कोई नहीं था

वाह.....! वाह....!


कि

खिडकी से देखा..! तो रास्ते पे कोई नहीं था..

वाह...! वाह..!


फिर रास्ते पे जाके देखा तो खिड़की में कोई नहीं था..</item> 


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अर्ज़ किया है...

उनकी नजर को फुर्सत ना मिली होगी,

वरना मेरा मर्ज इतना ला-इलाज ना था,

  

हमने तो वहाँ भी मोहब्बत ही की,

जहाँ मोहब्बत का रिवाज ना था...</item> 


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अर्ज़ किया है...

हमने पटाई एक लड़की तो सोचा हमारी लॉटरी  निकल गई,

डेट पे बुलाया मिलने को तो,

हाय..! रे फूटी किस्मत,

वो राखी बांध के चली गयी...</item> 


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अर्ज़ किया है :

बहार आने से पहले फ़िज़ा आ गई,

बहार आने से पहले फ़िज़ा आ गई,

वाह....! वाह....!


और

फूल खिलने से पहले बकरी खा गई....</item> 


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अर्ज है...


चप्पल छोटी हो जाए तो पाँव में नहीं आती,

वाह.. वाह..


चप्पल छोटी हो जाए तो पाँव में नहीं आती,

और गर्लफ्रेंड मोटी हो जाए तो बाहों में नहीं आती...</item> 


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अर्ज़ किया है...

दोस्ती पर,


बिगड़ी हुई ज़िन्दगी की कुछ इतनी सी कहानी है..


वाह...! वाह...!


20% तो हम बचपन से कमीने थे..

और 80% कमीने दोस्तों की मेहरबानी है..</item> 


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अर्ज़ किया है...

मत निकालो मेरा जनाज़ा उसकी गली से यारो,


उसकी माँ कहेगी..

  कमीना मरते-मरते भी एक राउंड लगा गया  


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अर्ज़ किया है...


ये दुनियाँ ये महफ़िल मेरे काम की नहीं,


मेरे पास जितनी भी sims हैं, वो मेरे नाम की नहीं..</item> 


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अर्ज किया है...

कुछ मोहब्बतें इसलिए भी जुदा हो जाती हैं,

क्योंकि,

11th क्लास पहुँचते ही मैथ्स, बायो और कॉमर्स अलग-अलग हो जाती हैं।</item> 


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अर्ज़ किया है...

गुस्से का आना मर्द होने की निशानी है,

मगर गुस्से को पी जाना पति,

होने की निशानी है..</item> 


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अर्ज किया है....


आपकी बातों पे दिल हारूं..

वाह.....! वाह....! 


आपकी सूरत पे जान वारूं...

वाह....! वाह...!


जिस दिन नहीं आता आपका SMS दिल करता है 

आपको पटक-पटक के मारूं...!

अब बोल वाह.. वाह..</item> 


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अर्ज किया है...


की..

बैठकर अपनी महबूबा की जुल्फों के साए में ऐसा जोश आया, 

वाह......! वाह.....! 

.

.

फिर..

फिर..

.

.

.

.

उसके पापा ने देख लिया और I.C.U में होश आया....</item> 


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अर्ज़ किया है..

इंटरनेट पे लड़की पटाई,

इन्टरनेट पे हो गयी सगाई,


इन्टरनेट पे हो गया डिवोर्स,


इस बहाने हो गया 

कंप्यूटर का कोर्स....</item> 


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अर्ज़ किया है..

स्टूडेंट : हज़ारों की किस्मत तेरे,

पास थी, पास कर देता, क्या बात थी।


टीचर : इश्क़ थोड़ा कम करता तो बात थी,

बुक्स तो बेटा सारी तेरे पास थी।</item> 


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अर्ज किया है...


चिकन ऐसे पकाओ, की कच्चा ना हो,

वाह.. वाह...


चिकन ऐसे पकाओ, की कच्चा ना हो,

और,

मोहब्बत ऐसे निभाओ, की बच्चा ना हो...</item> 


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अर्ज़ किया है...


नाच मेरी बुलबुल तुझे पैसा मिलेगा...!

वाह... वाह....

नाच मेरी बुलबुल तुझे पैसा मिलेगा...!

हम C.I.D से हैं,

कोई अपनी जगह से नहीं हिलेगा...!!!</item> 


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अर्ज़ किया है...

कोई आँखों से बात कर लेता है,

कोई आँखों में बात कर लेता है,


बड़ा मुश्किल होता है जवाब देना यारों,

जब कोई इंग्लिश में बात कर लेता है...</item> 


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अर्ज किया है..


आँखों में नमी थी,

और विटामिन की कमी थी..


वाह..! वाह..!


जिससे  रात-भर chatting की,

वो GirlFriend की मम्मी थी…</item> 


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अर्ज़ किया है...

डाली ने डाली पर नजर डाली,

किसी ने इस पर डाली,

किसी ने उस पर डाली,

हमने जिस पर नजर डाली,

उसके बाप ने उसकी शादी कहीं और कर डाली...</item> 


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अर्ज़ किया है....

नाराज है वो मुझसे या भाव खा रही है


ऑनलाइन है पर बात नहीं करती, शायद चाय बना रही है...!!</item> 


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अर्ज़ किया है..

महबूबा के प्यार में मर गया पीटर,

महबूबा के प्यार में मर गया पीटर,


हीरो हौंडा स्प्लेंडर 80 km/litre</item> 


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अर्ज है..


कपड़े सिलवाने हो तो ढूंड लो दर्जी,

वाह... वाह...


कपड़े सिलवाने हो तो ढूंड लो दर्जी,

और,

नंगू-पंगू घूमना हो तो, आपकी मर्जी...</item> 


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अर्ज़ किया है...

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.

वो कहती अपने भाइयों से, मेरे आशिक़ को यूँ ना पीटो,

ज़रा गौर फरमाइये,

.

.

वो कहती अपने भाइयों से, मेरे आशिक़ को यूँ ना पीटो...


बड़ा जिद्दी है ये कमीना, पहले कुत्ते की तरह घसीटो।</item> 


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अर्ज़ किया है..


यूं ना किसी के दिल से खेलो,


जब लाइक & कमेंट नहीं करना था तो,


  कंप्यूटर और मोबाइल बेचकर रेडियो ले लो...  


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अर्ज़ है,

जो अमृत पीते हैं उन्हें देव कहते हैं, जो विष पीते हैं उन्हें महादेव कहते हैं,

और..

जो रोजाना दोनों थोड़ा-थोड़ा पीते हैं... उन्हें पतिदेव कहते हैं।</item> 


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अर्ज़ किया है...

जिस हॉस्पिटल के हम डॉक्टर हैं,

हमारी बीवी वहाँ की नर्स है..


क्या अजीब जुल्म सहना पड़ता है,

अपनी ही बीवी को सिस्टर कहना पड़ता है...</item> 


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अर्ज किया है..


इख्तीयार-ए-तरन्नुम से तबस्सुम की रौशनी को जला देना...

.

.

वाह..! वाह...!

.

.

जब इसका मतलब समझ में आये तो मुझे भी बता देना..</item> 


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अर्ज़ किया है...

कभी-कभी मेरे दिल में ये ख्याल आता है,

ये जिंदगी अगर तेरी जुल्फों की घनी छाँव,

में गुजर जाती तो..


  होम लोन   लेने की जरुरत ही ना पड़ती।</item> 


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अर्ज़ किया है..

ज़िंदगी लम्बी है दोस्त बनाते रहो,

दिल मिले ना मिले हाथ मिलाते रहो,

ताजमहल बनाना तो बहुत कॉस्टली होगा यारो..


तुम बस हर गली में एक मुमताज़ बनाते रहो..</item> 


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अर्ज़ किया है..

कि..

मोहब्बत के रास्ते में हर कदम पर दर्द मिलेगा,

एक इल्तेजा है मेरे दोस्त,

इसी रास्ते पर एक मेडिकल स्टोर खोल ले,

मस्त चलेगा...</item> 


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अर्ज़ किया है ...

रूठी है वो इस तरह जैसे,

हम उन्हें सच में मना लेंगे..


इतना वक़्त कौन जाया करे,

इतने में हम दूसरी पटा लेंगे..</item> 


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अर्ज़ किया है...


एक और जिंदगी मांग लो खुदा से,    

ये वाली तो ऑफिस में ही कट जानी है, 


ना ख़ुशी खरीद पाता हूँ ना ही गम बेच पाता,

फिर भी ना जाने क्यों मैं हर रोज कमाने जाता हूँ...</item>